जानिए! रोज नीम 🌿 के पत्ते खाने से क्या होता है

हैलो ओर नमस्कार मित्रों जैसा की हम जानते है की नीम का पेड़ हमारे जीवन मे कितना महत्व है, तो आज हम बात करने वाले है इस पेड़ की कुछ विशेषताओ के बारे में जो हमारा जीवन को सफल बनाने में कितना साथ देती है और नीम के फायदे कितने है । तो चलिए स्वागत करते है आपका हमारे इस नए ब्लॉग मे जैसा की यह पेड़ बहुत ही विशाल वृक्ष होता है, तो यह छाया भी बहुत अधिक मात्रा मे प्रदान करता है!

आज के युग मे तो लोगों को इतना वक्त नहीं है की वह गर्मी के दिनों मे नीम की छाया का आनंद उठा सके लेकिन फिर भी गाँव मे लोग नीम के पेड़ के नीचे बेठकर शीतल छाओ का लुप्त लेते है । और हर गाँव मे आपको नीम के पेड़ मिल जाएंगे क्यूंकी हमारे जो वृद्ध लोग थे उन्हे पता था की नीम का इस्तेमाल वो कहा कहा पर कर सकते है इसलिए नीम का पेड़ बहुत ही लाभदायक माना गया है!

नीम की उम्र ओर उसकी ऊंचाई

यह पेड़ भारत का मूल निवासी है, यह भारत मे जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्र होते है वहा पाया जाता है, इसका हमारे चिकित्सा मे औषधि के रूप मे बहुत ही मत्वपूर्ण स्थान है यह वृक्ष भारत मे  20 मीटर तक ऊंचे होते है लेकिन कुछ ने तो अपना रिकार्ड ही बना रखा है वो तकरीबन 25 से 30 मीटर तक के है,ओर हालाकी यह वातावरण के अनुसार भी अलग विशेषता हो सकती है क्यूंकी हर देश का अपना वातावरण होता है तो यह यह अलग देश के हिसाब से इनकी ऊंचाई भी अलग हो सकती है, और यह बहुत ही लंबे अवधि तक टीके रहने वाला पेड़ है जो की लगभग 150 से 200 साल तक जीवित रहता है।

सबसे अधिक नीम कहाँ पाया जाता है

नीम का पेड़ सबसे अधिक मात्रा मे भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार मे पाया जाता है, अन्य देशों मे भी नीम का पेड़ होता है लेकिन वह बहुत ही कम मात्रा मे देखने को मिलता है,

नीम का पेड़

इसकी जड़े बहुत ही अंदर तक जमीन मे गहरी होती है ओर इसका तना बहुत ही सख्त ओर मोटा होता है ओर इसकी टहनीया बहुत ज्यादा होती है ओर यह भी बहुत मोटी होती है और बहुत ही विशाल आकार मे फेली हुई होती है इनके पत्ते तो स्वाद मे बहुत कडवे होते है पत्तों का आकार बहुत छोटा होता है।

ओर इनपर लगने वाले फल को निंबोली नाम से जाना जाता है जो की जब कच्चे होते है तब बहुत ही कडवे लगते है लेकिन जब पूरी तरह से पीले पड़ने के बाद पक जाते है तो यह मीठी मीठी लगती है लेकिन एसा हर पेड़ के साथ नहीं होता क्यूंकी इनमे भी कई प्रकार की प्रजाति होती है तो कुछ पेड़ों की निंबोली फल पकने के बाद भी कड़वी ही लगती है ओर मे जो गुठली होती है वही इनका बीज होता है ओर इन्हे हमे उगाने की जरूरत नहीं पड़ती है यह स्वयं बारिश के मौसम मे उग जाती है!

औषधि के रूप मे नीम के फायदे एवं उपयोग

चिकित्सा के संदर्भ मे इस पेड़ का औषधि के अनुसार सर्वरोग निवारण हेतु होता है मतलब यह हर प्रकार की बीमारी से लड़ने अर्थात इलाज करने वाला पेड़ है, नीम के बीजों से नीम का तेल निकाला जाता है नीम के तेल मे एन्टिबेकटेरियल ओर एंटीफंगल का गुण होता है जो की हमारे त्वचा ओर बालों के लिए विभिन प्रकार की दवाइया बनाने मे मददगार है, जेसे हमारे शरीर पर होने वाला फोड़े फुंसी अथवा घाव को भरने मे बहुत ही फायदेमंद है!

नीम की प्रजातिया

इसकी कुछ प्रजातिया होती है जिनके बारे मे हम अभी बात करेंगे सबसे पहले भारत की बात करे तो आजदिरचता इंडिका यह एक भारतीय नीम है, ओर भारत मे मीठा नीम का पेड़ भी होता है इनकी समानता मे कहे तो इनके पत्ते को हम भारतीय सब्जियों मे स्वाद के लिए इस्तेमाल करते है क्यूंकी इस की पत्तिया कड़वी नहीं होती है, इसके अलावा अफ्रीका मे पाया जाने वाला नीम जिसे हम मार्गोसा कहते है, ओर चीन मे जो पाया जाता है उसे हम सिनेमोप्सिस पारवी भी कहते है!

नीम की धार्मिक मान्यता

यह पेड़ भारतीय धर्म मे पौराणिक कथाओ मे आध्यात्मिकता के अनुसार नीम के पत्तों ओर टहनियों को पूजनीय माना गया है इनका इस्तेमाल कुछ लोग जादू टोने मे भी करते है, ओर बहुत प्रेतों से दूर रहने ओर उनसे रक्षा करने मे भी उपयोगी है नीम का धार्मिक ओर सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है यह विष्णु सूक्त के अनुसार स्वर्ग द्वार का पेड़ माना जाता है और नीम के पतों को आराधना करने ओर पूजा अर्चना के लिए भी उपयोगी है।

नीम के फायदे  

नीम को आयुर्वेदिक औषधि मे बहुत लाभदायक होता है इसका हमारे भारत मे बहुत ही महत्व है यह हर प्रकार के रोग मे सहायक है लेकिन आप नीम के पत्तों का या फल का किसी भी रूप मे सेवन करना चाहते है तो आप अपने रोग के मुताबिक उस डॉक्टर से परामर्श करके इसका सेवन करे।

अगर आप रोज नीम के पत्तों का सेवन करते है तो उससे आपको कई बीमारियों मे बचाव का कारण बन सकता है।

मधुमेह रोग मे नीम

नीम के पत्तों मे एंटी हाइपोंगलाइसेमीक गुण होता है , जो आपके शुगर के लेवल को नियंत्रित रखने मे मदद करता है।

मलेरिया मे नीम

नीम के पत्ते एंटी मलेरिया होते है इसलिए अगर आप मलेरिया जेसी बीमारी के पकड़ मे है तो आपको नीम के पत्तों का सेवन करना चाहिए लेकिन घरेलू उपचार के माध्यम से किन्तु ध्यान रहे उससे पहले आप डोकतेर से सलाह जरूर करले।

पेट की समस्या मे नीम

पेट से संबंधित किसी भी प्रकार के रोग जेसे अल्सर, गेस से आप पीड़ित होते है तो आपको नीम के पत्तों का इस्तेमाल अवश्य करले ।

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