वनस्पति जीवन मे बबूल के फायदे , पौधे की जानकारी और उपयोग

एक एसा पेड़ मुख्यतः जिसे जंगल की और स्थानीय भाषा मे बबूल या कीकर और अंग्रेजी मे Acacia Tree भी कहा जाता है और अलग अलग राज्यों एवं अलग अलग भाषाओ के आधार पर अलग नामों से इसे पहचान दी गई है। जिन्हे अगर बबूल के बारे मे पता है और जो लोग इस पेड़ के बारे मे नहीं जानते है उन्हे हम आज इस पेड़ के सम्पूर्ण जानकारी विस्तार से जानेंगे।

बबूल का पेड़

बबूल
  1. बबूल के कांटे बड़े और सफेद रंग के और दो दो की जोड़ी मे पत्तों वाली मूल स्थान पर लगे होते है जो की बहुत ही नुकीले होते है यह लगभग 5 से 7 सेंटीमीटर लंबे हो सकते है, बबूल की कुछ प्रकार की किस्मों यह विशेषता नहीं होती है काँटेदार बबूल के पेड़ और बिना कांटे वाले पेड़ भी होते है, बबूल के कांटे शाकाहारी जानवरों से उसकी रक्षा करने मे सहायक है बदती उम्र के साथ काँटों की संख्या कम होती जाती है।
  2. बबूल के फूल यह पीले रंग के अधिक चमकीले और कम सुगंध वाले और यह शाखाओ के अग्र भाग पे पाए जाते है यह बहुत सुंदर होती है जो इस पेड़ की सुंदरता को प्रभावित करती है यह पुष्प दिखने मे गोलमुंड़क आकार के होते है और पत्तिया हमेशा छोटी टहनियों पर ही पाई जाती है।
  3. बबूल की फली 10 से 15 सेंटीमीटर की लंबी होती है, यह बीजों के बीच के स्थान पर सिकुड़ी हुई और कच्ची फलियों के समय यह हरे रंग की होती है पकने के बाद हल्की पीले रंग की या भूरे रंग की होती है फली के अंदर बीज होते है और उन बीजों पर फल का गुदा होता है जो खाने योग्य होता है, अधिकाश स्थानों पर इनके फलियों का उपयोग सब्जी बनाने मे किया जाता है।
  4. बबूल की छाल छोटी आयु की अवस्था मे हल्की हरे रंग की और परिपक्व अवस्था मे हल्की काली रंग की हो जाती है और इसकी लकड़ी अंदर से हल्के लाल रंग की होती है।  
  5. बबूल की पत्तिया बहुत छोटी छोटी होती है और हरे रंग की होती है जो दिखने मे आँवले की पत्तियों के समान ही होती है और बहुत घने रूप मे लगती है जिस वजह से यह पेड़ बहुत हरा भरा दिखता है।

बबूल कहाँ पाया जाता है

यह अफ्रीका महाद्वीप और भारतीय उपमहाद्वीप का मूल निवासी वृक्ष है, यह पेड़ भारत के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों मे पाया जाता है, यह वनस्पति ज्यादातर सूखे और गरम जलवायु वाले क्षेत्रों मे प्रकर्तिक रूप से उगता है जैसे राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश मे अधिकतम पाया जाता है। इसके अलावा दुनियाभर मे कई देशों मे यह प्रजाति पाई जाती है जिसमे भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया मुख्य रूप से संमेलित है।

बबूल की प्रजातिया

विश्वभर मे बबूल की मुख्य रूप से 9 प्रकार की उपप्रजाती होती है जिसमे अफ्रीका की इंडिका, क्रूसियाना, लेओकार्प, निलोटिका, सुबलटा, और टोमेन्टोसा है और भारत की कुपरेससीफॉर्मीस, हेमिस्फेरिका, और अडस्ट्रिनगेन्स शामिल है। इनकी किस्म इनके अलग अलग विशेषता के आधार पर विभाजित किया जाता है जेसे फलियों के आकार और काँटों के अलग अलग प्रकार की आकार मे बदलाव और वृक्ष की ऊंचाई अलग अलग होना जेसी कुछ विशेषता शामिल है।

बबूल के फायदे

  • दांतों से संबंधित बीमारियों मे नीम का और बबूल का दातुन बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है यह सर्वोतम माना जाता है।
  • बबूल की पत्तियों को चबाकर सेवन करने से पुरुषों मे होने वाले गुप्त रोगों मे मददगार साबित होती है।
  • लू से आपको बचाता है।
  • कैंसर जैसे बड़े बड़े रोगों का अवरोधक है।
  • आंतों मे होने वाले इन्फेक्शन मे आपको सहायता प्रदान करता है।
  • अस्थि रोग मे बबूल की फली का बहुत बड़ा योगदान हो सकता है।
  • बबूल की पत्तियों का सेवन करने से आपको दस्त जेसी बीमारी मे मदद मिलती है।

इसके अलावा हम इससे होने वाले कुछ मुख्य फ़ायदों पर विस्तार से विवरण करेंगे।

बबूल का दाँतून

आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार के अनुसार बबूल का दाँतून बहुत महत्वपूर्ण मन गया है बबूल का दाँतून मसूढ़ों की स्वच्छता और सुरक्षा मे किया जा सकता है, इसके अलावा मुंह के छालों को ठीक करने के लिए और इसके अलावा गले के इन्फेक्शन को कम करने और दांतों की सफाई करने मे सबसे ज्यादा इसका उपयोग किया जाता है जो की हममरे मुह से संबंधित रोगों मे बबूल सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होता है।

बबूल का गोंद

यह पेड़ पर चीरा लगाके प्राप्त किया जाता है यह जेली प्रकार का होता है उसे सूखने के बाद इसका मिश्रण बनाया जाता है और उसका सेवन किया जाता है इससे पाचन क्रिया को सुधारने मे और शरीर को ठंडा रखने मे और पेट मे होने वाली गेस को कम करने मे फायदेमंद है। गोंद के मिश्रण के लडू बनाकर उसका सेवन महिलाओ को करना चाहिए जिससे उन महिलाओ मे कमजोरी खतम होती है।

आपके लिए कुछ पोस्ट है जो आपको पसंद आएगी

पपीता का सेवन आंतों के रोगों के उपचार मे क्यूँ है बहुत सहायक है?

पीपल एक रहस्यमयी वृक्ष, आध्यात्मिक महत्व का प्रतीक

आम का पेड़ कैसे लगाए ?

सागवान की खेती कैसे करे, अद्वितीय जानकारी और उपयोगी सुझाव

स्वास्थ्य के लिए एक आदर्श फल, चीकू खाने के फायदे और उपयोग

Leave a Comment