पपीता का सेवन आंतों के रोगों के उपचार मे क्यूँ है बहुत सहायक है?

पपीता हमारी दैनिक जीवनचर्या मे और रोजमर्रा की ज़िंदगी मे सबसे ज्यादा खाया जाने वाला फल है, पपीता को अंग्रेजी मे पपाया भी कहते है। पपीता खाने का स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है लेकिन आज हम सिर्फ फायदे के साथ साथ इसका नुकसान के बारे मे भी चर्चा करेंगे कि पपीता का सेवन किन किन परिस्थितियों मे करना चाहिए या नहीं और इसके अलावा इसकी खेती किस प्रकार की जाती है और यह सर्वाधिक मात्रा मे कहाँ पाया जाता है और इसके न्यूटरिसन और मिनरल्स फेक्ट के बारे मे भी जानेंगे और किन किन चीजों मे इसका उपयोग किया जाता है यह सब के बारे मे अच्छी तरह से इसका विश्लेषण करेंगे।

  1. पपीता का पेड़ या पौधा कैसा होता है।  
  2. पपीता की खेती कैसे करते है।
  3. पोषक तत्व ( Nutrition Fact )
  4. Types of Papaya पपीता की उन्नत किस्म
  5. सबसे ज्यादा पपीता कहाँ पाया जाता है।
  6. पपीता का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व  
  7. पपीता खाने के फायदे और नुकसान

आप सब जानते ही होंगे की पपीता का फल बहुत ही स्वादिष्ठ फल होता है और यह भारत मे हर राज्य मे सर्वाधिक मात्रा मे पाया जाने वाला और सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है और इसकी खेती भी लोग भरपुर रूप के कमाई के साँसोधन के अनुसार करते है तो चलिए सबसे पहले जानते है इसका पेड़ या कह लीजिए पौधा किस प्रकार का होता है।

पपीता का पेड़ या पौधा कैसा होता है।

यह बहुत ही कोमल प्रकार का पौधा होता है इसका तना नीचे से मोटा होता है और ऊपर की और पतला होता जाता है और इसके फल भी उसी पतले स्थान या ताजा विकसित हुए जगह पर ही लगते है।  पपीता का फूल पीले रंग का होता है और इसके पत्ते आमतोर पर लंबे होते होते है जिनका आकार 20 से 30 सेन्टीमीटर का होता है और यह हरे रंग के होते है यह नुकीलीधार के दिखने मे होते है असल मे यह काँटेदार नहीं होते है और दिखने मे बहुत ही सुंदर आकार को प्रदर्शित करते है।  पपीता का फल आकार मे अलग अलग प्रकार का होता है और और रंग मे जब यह कच्चा होता है तब एकदम हरे रंग का होता है और जब पक जाता है तब पीले रंग का होता है। यह एकदम देवदार वृक्ष की भांति सीधा और सटीक होता है।

पपीता का फल स्वाद मे बहुत ही मीठा होता है इसके ऊपर की त्वचा थोड़ी मोटी होती है और स्वाद मे कड़वी होती है जिसे छिलके हटाकर फिर इसका सेवन किया जाता है इसका जो गुदा होता हैं वह जब कच्चा फल होता है तब सफेद रंग का होता है और जब फल पक जाता है तब इसका रंग पीले रंग का जाता है। बीज भी फल के अंदर ही पाए जाते है जो काले रंग के होते है जिनका आकार कालीमिर्च के समान होता है और यह भी स्वाद मे कडवे ही होते है एक फल मे 100 से ज्यादा बीज पाए जाते है इस फल का आकार उसके किस्म के आधार पर निर्भर कर करता है क्यूंकी आमतोर पर यह फल कच्चे नारियल के समान होता है पपीता का फल जो की 15 से 30 सेंटीमीटर तक का आकार हो सकता है।

पपीता की खेती कैसे करते है।

पपाया का पौधा न्यूनतम 5 डिग्री और अधिकतम 45 डिग्री का तापमान सह सकता है इस वजह से भारत के प्रत्येक राज्य मे किसान भाई इसकी खेती सफलता पूर्वक कर सकते है, पपीता की खेती का सही समय जनवरी से लेकर मई माह तक कर सकते है। सबसे पहले आप कुछ किस्मों का चयन करे जो उन्नत हो जिसकी पैदावर अधिकतम हो और स्वाद मे भी अच्छी होनी चाहिए।

उनके बाद जो मीठी पपीता के फल होते है उनके बीजों का चयन करके उनकी नर्सरी तैयार कर ले इसकी नर्सरी करने का सही समय जनवरी से मार्च तक का होता है। उसकी बाद इसे आप खेत मे उगा सकते है और इसका सही समय मार्च से लेकर मई तक का होता है इसके पौधारोपण का सही तरीका आप एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी 5 फुट तक रखे और किसी भी प्रकार की खेती का पौधारोपण ज़िग्ज़ैग तरीके से करना एक अच्छी खेती की विशेषता को दर्शाता है, एसा करने से पौधों को सूर्य का प्रकाश भी अच्छे से मिलेगा और पौधे एक दूसरे से टक्कराएंगे नहीं।

पपीता का बचाव एवं रख रखाव

अब वर्षा ऋतु मे हमे सबसे ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है क्यूंकी इसका उस वक्त पपीता का पौधा बहुत कमजोर होता है और पहली बारिश की वजह से इनमे फंगस लगने की भी समस्या हो सकती है इस वजह से ज्यादा हवा चलती है तब यह टूटकर नीचे गिर सकते है तो इस चीज का आपको बहुत ध्यान रखना होगा अगर आप इसका ध्यान नहीं रखते है तो आपको काफी बडा नुकसान झेलना पड सकता है और साथ साथ ही समय की बर्बादी भी हो सकती है।

पपीता की खेती हम हर प्रकार की जमीन पर कर सकते है चाहे वो दोमट मिट्टी हो या चीकनी मिट्टी, काली दोमट मिट्टी हो हर प्रकार की मिट्टी इसके लिए उपजाऊ होती है समय समय पर सिंचाई की जरूरत होती है और ज्यादा सिंचाई भी हानिकारक हो सकती है इसलिए आप जो सफल किसान होते है उनसे परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए ताकि आपको होने वाली परेशानी का सामना कर सके। पौधारोपण के बाद हमे 7 से 8 महीनों का समय लगता है इससे फल प्राप्त करने मे और यह 2 से ढाई साल तक फल देते है इस समय के दौरान आप इसके साथ साथ अन्य प्रकार की सब्जी की खेती भी कर सकते है।

पोषक तत्व ( Nutrition Fact )

पपीता मे केलोरिस, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रट, फैट, फाइबर, शुगर, विटामिन A, C, B, E, K पाया जाता है।

Types of Papaya पपीता की उन्नत किस्म

देश विदेश मे पपीता की खेती की जाती है उसके आधार पर आज हम जानेंगे कुछ भारत की उन्नत किस्मों के बारे मे और कुछ विदेशी पपीता की उन्नत किस्मों के बारे मे तो भारत की बात करे तो पूसा ड्वॉर्फ, पूसा मैजिस्टी, पूसा गाइन्ट, पूसा डिलिशस, महाबिन्दु, सोलो, रांची, वाशिंगटन, Taiwan-786, इसके अलावा कुछ कारिका पपाया, कापोहो पपाया, होरटस पपाया जेसी किस्म है। सबसे अच्छी रेड लैडी पपाया की किस्म है, पपीता की 20 से भी ज्यादा प्रकार की किस्म होती है और फॉर्मोस पपीता के फल सबसे बड़े होते है। और सबसे अच्छे पपीता के फल भारत के माने जाते है।

सबसे ज्यादा पपीता कहाँ पाया जाता है?

नाइजेरिया, ब्राजील, मेक्सिको, भारत मुख्य उत्पादक देश है इसके अलावा अमेरिका के अधिकांश भाग जेसे टेक्सास, कैलिफोर्निया, फ्लोरिडा मे भी व्यवसायिक रूप से इसकी खेती की जाती है, भारत के मुख्य पपीता उत्पादक राज्य आंध्रप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, और कर्नाटक के अलावा भारत के कई राज्यों मे इसकी खेती की जाती है।

पपीता के पेड़ का धार्मिक एवं सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक महत्व

कोई कहता है पपीता का पेड़ लगाना शुभ ही और कोई कहता है अशुभ होता है लेकिन हम विज्ञान की माने या धर्म की जिसे भी माने पेड़ लगाना शुभ ही होता है और जो पौधा फल देता है उसे हम अशुभ नहीं मान सकते क्यूंकी इसका महत्व तो वेदों और पुरानो मे भी बताया गया है जिस वजह से इसके फल का प्रसाद के रूप मे भी सेवन किया जाता है। कुछ लोगों का मानना है की पपीता का पेड़ घर पर लगने से वास्तुदोष होता है और अगर कभी कभी यह स्वयं उग जाएतो इसे उखाड़ कर फेक देना चाहिए तो सबकी अपनी अपनी आस्था है तो जिसे घर पे इस पौधे को लगाना शुभ लगता है वह उसे लगाए और जिसे अशुभ लगता है वह नहीं लगाए।

पपीता खाने के फायदे

  • इस के सेवन से आंतों से संबंधित रोगों के उपचार मे बहुत बड़ा सहायक है
  • पपीता वजन घटाने मे मदद करता है
  • यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और ह्रदय रोगों से बचाव करता है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है।
  • इसका फल का सेवन करने से आँखों की रोशनी अच्छी होती है।
  • पपीता का सेवन करने से आपकी त्वचा निखरी हुई रहती है और त्वचा संबंधित रोग नहीं होते है।
  • यह कैंसर रोगी के लिए भी बहुत उपयोगी है।
  • इसके सेवन करने से रक्त स्त्राव अच्छी तरीके से होता है जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।

 पपीता के नुकसान

  • पपीता का जो दूध निकलता है वह अगर आपकी आँखों मे गिर जाए तो आपकी आँखों की रोशनी को कम कर सकता है और छोटे बचो की आँखों मे गिर जाए तो यह उसकी आँखों की रोशनी को खतम कर देता है।
  • अगर गर्भवती महिला पपीता का सेवन करती है तो इसके गर्भपात होने के संभावना हो सकती है तो ध्यान रहे पपीता का सेवन गर्भवती महिलाओ को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • अगर आप पपीता का सेवन उचित मात्रा से ज्यादा का सेवन कर रहे है तो आपको पीलिया जेसी बीमारी होने की संभावना हो सकती है।
  • कच्चे पपीता मे लेटेक्स की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए अलर्जी वाले इंसान को कच्चे पपीता का सेवन नहीं करना चाहिए।

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