जामुन का पेड़: वानस्पतिक विशेषता और भारतीय संस्कृति मे महत्व।

साधारणतः जामुन का पेड़ कम लोग ही जानते है क्यूंकी यह वृक्ष पाया तो सभी जगह जाता है।

लेकिन इसे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इसकी पूरी जानकारी होती है और बाजार के लोगों को इसके बारे मे जानकारी नहीं होती है क्यूंकी यह प्राकर्तिक रूप से पेड़ ज्यादातर नदियों के किनारों पे पाया जाता है।इस पेड़ की किस्म कई प्रकार की किस्म होती है जिसमे कुछ जमीन पर भी बिना पानी के भी उगती है, मतलब सिर्फ वर्षा ऋतु के बारिश के पानी से है, और इसकी विशेषता अलग प्रकार की ही होती है, इन सब के बारे मे हम आगे जानेंगे ।

सबसे पहले हम इसके कुछ मुख्य तथ्य है जिन्हे जान लेते है :-

  1. इसकी खेती कैसे करे और घर पे कैसे उगाए
  2. जामुन के पेड़ की बनावट और उसके अंगों का विवरण
  3. जामुन के पेड़ की ऊंचाई और इसका जीवनकाल
  4. किस मौसम मे जामुन का फल लगता है
  5. सबसे अधिक जामुन कहा उगाया जाता है
  6. जामुन खाने के फायदे
  7. जामुन की किस्म (प्रजातिया)

इसकी खेती कैसे करे और घर पे कैसे उगाए

जामुन का पेड़ सदाबहार पेड़ है, और खाने मे स्वादिष्ठ होने के साथ साथ यह स्वास्थ के लिए बहुत लाभदायक भी होते है। वैसे तो जामुन को पेड़ को किसी भी मौसम मे लगाया जा सकता है, लेकिन इसे ज्यादा कोहरे और धूप की जरूरत नहीं होती है।जामुन की खेती से अधिक पैदावार लेने के लिए जल निकासी वाली जमीन के साथ साथ दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है।

जमीन का PH मान 5 से लगाकर 8 तक का होना चाहिए और अगर आप PH मान नहीं जानती है तो बता दे की यह जमीन की स्वास्थ  को मापने का पैमाना होता है। ध्यान रहे की जमीन पर जब जामुन के बीज को बोया जाए तो उनकी एक दूसरे से कम से कम 15 फुट की दूरी रखे, और सबसे महत्वपूर्ण बात की अगर पेड़ बीज के द्वारा लगाया जाता है तो उसे बड़ा होने मे ओर फल लगने मे 6 से 7 साल तक का समय लगता है, वही बात करे की Hybreed तरीके से अगर पेड़ को लगाया जाए तो उसे 2 से 3 साल तक समय लग सकता है।

घर पर लगाने के लिए बहुत आसान तरीका है, आपको सबसे पहले जामुन के बीज को जामुन के फल से निकालना है, उसके बाद किसी बर्तन मे पानी डालकर उन बीजों 5 से 6 घंटे के लिए छोड़ देना है, उसके बाद आपको एक गमला लेना है और उसमे उपयोगी मिट्टी लेनी है जेसे- बालू मिट्टी, काली मिट्टी या फिर दोमट मिट्टी और उन बीजों को मिट्टी मे बो देना है फिर समय समय पर पानी देते रहना है और 6 से 7 दिन तक प्रतीक्षा करनी है।

जामुन का पेड़ की बनावट और उसके अंगों का विवरण

जामुन के पेड़ को जो लोग ग्रामीण क्षेत्र से आते है उन्हे तो पता ही होगा की वह कैसा दिखता है, उसकी बनावट किस प्रकार की होती है, पत्ते कैसे होते है लेकिन जिन लोगों को नहीं पता उन्हे हम बता दे की इसका तना मोटा और सख्त होता है।जड़े बहुत ही जमीन के अंदर तक अपना पकड़ बना लेती है इसलिए यह बहुत ही मजबूत पेड़ होता है, इसकी टहनीया भी बहुत मजबूत होती है, और इसकी त्वचा फिसलनदार और लचीली होती है इसके पत्ते हरे रंग के और 10 से 15 सेन्टीमीटेर की साफ सुथरा और साधारण आकार होता है।

इसका फल कई प्रकार के रंगों का होता है जेसे हरा, बेंगनी, और किस्मों के आधार पर उनके आकार और रंगों मे परिवर्तन आता रहता है, जब जामुन का फल कचा होता है तब यह हरे रंग को और पकने पर यह बेंगनी रंग का हो जाता है। यह बहुत ही स्वादिष्ट फल होता है स्वाद मे यह मीठा, हल्का तीखा और खट्टा होता है, इसको खाने के बाद बहुत ही अच्छा महसूस होता है, इसके सेवन से अपनी जीभ पर भी इसका रंग चढ़ जाता है।  

जामुन के पेड़ की ऊंचाई और इसका जीवनकाल

जामुन का पेड़ बहुत ही विशालकाय वृक्ष है, इसकी औसतन ऊंचाई 15 से 20 फुट तक होती है, लेकिन यह अलग अलग प्रकार की किस्म मे अलग अलग ऊंचाई के हो सकते है इसलिए किस्मों के आधार पर कुछ पेड़ 20 फुट से अधिक ऊंचे भी होते है। जैसा की हमने बताया जामुन के पेड़ पर फल लगने की प्रक्रिया 6 से 7 साल तक की आयु मे हो जाती है और इसका जीवनकाल 80 से 100 वर्षों तक का होता है।

किस मौसम मे जामुन का फल लगता है

जामुन को अंग्रेजी मे ब्लैक प्लम के नाम से भी जाना जाता है, और जिन पेड़ों की देखभाल मे कमी आती है और उन्हे धूप और खाद नहीं मिलता उनमे विकसित होने की क्षमता खतम हो जाती है और फिर उन पर फल नहीं लगते है। मार्च महीने से इन पर फूल आना शुरू हो जाते है। उनके बाद उन्हे पूरी तरह से पकने के लिए 4 से 5 महीनों का समय लगता है। यह जुलाई तक या फिर जैसे ही एक दो बार बारिश होती है उसके साथ यह पूरी तरह से पक जाते है।महीनों के अनुसार मार्च से लगाकर जुलाई तक या फिर गर्मी के मौसम से शुरुआत होती है और वर्षा ऋतु तक यह प्रक्रिया चलती है।

सबसे अधिक जामुन कहा उगाया जाता है

भारत मे सबसे अधिक जामुन महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, असम, और राजस्थान मुख्य उत्पादक राज्य है, भारत के अलावा मेक्सिको मे सबसे अधिक मात्रा मे जामुन की पैदावार की जाती है। एशिया मे तुर्की, अफगनिसथान, चीन, ईरान भी सम्मिलित है।

जामुन खाने के फायदे

  • जामुन मे आयरन होता है जो खून को साफ करने मे मदद करता है।
  • शरीर मे हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़त है।
  • यह पेट से संबंधित समस्याओ मे उपयोगी है।
  • जामुन के बीज का पाउडर बनाके उसका सेवन करने से मधुमेह रोग को नियंत्रित किया जाता है।
  • इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
  • आयुर्वेदिक दवाइयों मे जामुन के फल, बीज, पत्तों का उपयोग किया जाता है।

किस्म (प्रजातिया)

जामुन मे कई प्रकार की किस्म होती है जो उनकी अलग अलग विभिनताओ के आधार पर उन्हे किस्म के रूप विभाजित किया जाता है भारत की कुछ उन्नत किसमे है जो अपने विशेषता को प्रदर्शित करता है जैसे- राजा जामुन, री(राय) जामुन, काथा, भादों, गोमा प्रियंका है।

जामुन का धार्मिक महत्व

इसका का उल्लेख विशेष रूप से रामायण मे भी मिलता है, इसे “देवताओ का फल” भी कहा जाता है।

क्यूंकी पौराणिक मान्यता के अनुसार स्वयं भगवान श्री राम ने जब वनवास के दौरान जंगल मे रहना पड़ा तब उन्होंने यह फल का सेवन किया था एवं जामुन का पेड़ को लेकर यह भी मान्यता है की इस पर देवताओ और भूतों का वास होता है।

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