स्वास्थ्य के लिए एक आदर्श फल, चीकू खाने के फायदे और उपयोग

फलों मे चीकू (Sapodilla) का फल बहुत स्वादिष्ठ होता है यह आमतोर पर बाजार मे मिल जाता है जब इसका मौसम होता है, लेकिन आज हम चीकू फल की सम्पूर्ण जानकारी के बारे मे चीकू खाने के फायदे और इसकी खेती से संबंधित तथ्यों पर विवरण करेंगे। यह फल स्वाद मे बहुत ही मिट्ठा होता है और हम इसे खाना बहुत ही पसंद करते है क्यूंकी इसमे कुछ एसे मिनरल्स पाए जाते है जो इंसानी स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। आज हम फल के बीजारोपन से लेके फलों की कटाई तक सम्पूर्ण जानकारी कुछ तथ्यों के माध्यम से जानेंगे जो इस प्रकार है।

  1. चीकू का पौधा कैसा होता है
  2. इसकी खेती किस प्रकार की जाती है
  3. चीकू का सबसे ज्यादा उत्पादन कहा होता है
  4. चीकू की प्रजातिया (उन्नत किस्म)
  5. चीकू का फल
  6. चीकू मे पाए जाने वाले पोषक(Nutrition) तत्व
  7. चीकू खाने के फायदे

चीकू (Sapodilla) का पौधा कैसा होता है

जो नहीं जानते उन्हे बता दे की चीकू को सपोड़ीला प्लम, सपोटा, एवं नासबेरी भी कहते है, यह माध्यम आकार का सदाबहार पौधा होता है, इसकी ऊंचाई तकरीबन 30 से लेकर 40 फुट तक हो सकती है और यह बहुत ही घना वृक्ष होता है इसकी पत्तिया अंडाकार, गहरी हरे रंग की चमकदार होती है और इसके फूल छोटे छोटे और पीले रंग के होते है कुल मिलाके यह फल हरे भरे और अपनी फल की लोकप्रियता के आधार पर जाना जाता है।

चीकू की खेती किस प्रकार की जाती है

चीकू (Sapodilla) काफी मुनाफेदार किस्म वाला पौधा है क्यूंकी हर प्रकार के फलों की खेती जब आप करते है तब आपकी मेहनत के बाद जब पौधों पर फूल लगने शुरू होता है तब अगर प्रकर्तिक आपदाए जैसे ओला गिरना, ज्यादा हवा चलना एसे मे फूल झड़ जाते है और आपको काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है, लेकिन चीकू के खेती के दौरान एसा नहीं होता है क्युकी इसके फूल बहुत छोटे छोटे होते है जो पत्तों के बीच मे छुपे होते है इसलिए इसकी खेती मे यह नुकसान कम होता है इसलिए यह फल मुनाफेदार होता है।

अनुकूल समय एवं जलवायु  

पौधारोपण या बीजारोपन का जो उचित समय या कहे अनुकूल समय जो होता है वो जून से अगस्त के मध्य का जो समय होता है वह बहुत ही अच्छा रहता है क्यूंकी इस समय पर यह जल्दी से विकसित होने का प्रयास करता है, इसके लिए सबसे अच्छी जलवायु ठंडी, नम और आन्द्र जलवायु उचित रहती है इसके लिए कम से कम 8 से 10 डिग्री और अधिकतम 30 से 35 डिग्री तापमान उचित रहता है।

और पौधारोपण के लिए आप नर्सरी से पौधों को खरीद सकते है। चीकू के लिए काली मिट्टी, काली दोमट मिट्टी एवं चिकनी दोमट मिट्टी उपजाऊ होती है इसके लिए भूमि का PH मान 5.5 से 7 तक का होना चाहिए एवं उत्तम जल निकास की व्यवस्था जरूरी है, जल निकास क्यू जरूरी होता है क्यूंकी जब ज्यादा मात्रा मे जल एक जगह अधिक समय तक भरा रहता है तो पेड़ पौधों मे सड़ने की समस्या हो जाती है।

पौधारोपण एवं सिंचाई  

पौधरोपन का सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की इनके एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच की जो दूरी होती है वह 15 से 18 फुट रखे क्यूंकी ज्यादा घनत्वता मे आप खेती करेंगे तो वायु प्रवाह और प्रकाश शंसलेषण की प्रक्रिया सही से नहीं हो पाएगी और पौधों मे विकास रुक सकता है या फिर फल की पैदावर मे कमी आ सकती है। जब आपका पौधरोपन की प्रक्रिया समाप्त होजाए उसके बाद नियमित रूप से इनकी सिंचाई करनी चाहिए

जब थोड़ी जड़े मजबूत होने लगे उसके बाद आप 10 से 12 दिन के अंतराल मे सिंचाई कर सकते है यह सबसे अच्छा समय रहता है। चीकू (Sapodilla) के पेड़ का जीवनकाल 30 वर्ष से 35 वर्ष तक का होता है जब पौधा पूरी तरह से विकसित हो जाता है मतलब 5 वर्ष का होजाता है तब एक पेड़ से लगभग 120 किलोग्राम फलों का उत्पादन होता है जो की बहुत अच्छी कमाईं का स्रोत हो सकता है।

चीकू का सबसे ज्यादा उत्पादन कहा होता है

सम्पूर्ण भारत मे चीकू की खेती की जाती है जिसमे प्रमुख राज्य राजस्थान, हरियाणा, आन्द्राप्रदेश, महाराष्ट, गुजरात, पश्चिम बंगाल एवं तमिलनाडु है, इसके अलावा सबसे अधिक उत्पादन वाला राज्य कर्नाटक है। भारत के अलावा मेक्सिको, पाकिस्तान, थायलैंड, मलेशिया, कॉम्बोडिया, इंडोनेशिया, वियतनाम और बांग्लादेश भी मुख्य चीकू उत्पादक देश है।

चीकू की प्रजातिया (उन्नत किस्म)

अलानों, मोडेलों, प्रोलिफिक, रुसेल, टिकाल यह अमेरिकन किस्म के चीकू है, बेतावी इंडोनेशिया की किस्म है, गोनजलेज किस्म  फिलिपिन्स की और हस्या, मोलिक्स, मोरेन, ऑक्सकूतजकब मेक्सिकन किस्म के चीकू है, भारत मे चीकू की कालीपट्टी किस्म सबसे ऊंचतम और अच्छी मानी जाती है।

चीकू का फल और उसमे पाए जानी वाले पोषक(Nutrition) तत्व

यह फल बाहर से भूरे रंग का होता है इसकी हल्की मोटी तवचा होती है जिसके अंदर गुदा होता है जिसका सेवन किया जाता है और स्वाद मे बहुत ही मीठा होता है इसके अंदर ही बीज पाए जाते है जो काले रंग के होते है और यह फल एकदम गोलाकार होता है। यह बहुत ही गुणकारी फल होता है चलिए इस गुणकारी फल के पोषक तत्वों के बारे मे जान लेते है। इसमे पॉटेशियम, कार्बोहाइड्रट, फाइबर, शुगर, फैट, कलोरिस, प्रोटीन, आइरन, कैल्सीअम, माग्नेसीयम और विटामिन C पाया जाता है इसलिए चीकू खाने के फायदे बहुत है।

चीकू खाने के फायदे

  • इसका प्रचुर मात्रा मे सेवन करने से बुढ़ापे मे होने वाली आँखों की समस्या को दूर किया जा सकता है।
  • यह पेट से संबंधित होने वाले रोगों से मुक्ति दिलाता है।
  • जो लोग कसरत करते है उन्हे चीकू का सेवन करना चाहिए क्यूंकी इसमे भरपुर मात्रा मे पानी होता है, जो ग्लूकोस का काम करता है इसलिए आपका एनर्जी लेवल बना रहता है।
  • इसमे कैल्सीअम जैसे मिनरल्स होते है जो आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने मे कारगर है।
  • गर्भवती महिलाओ को चीकू का पर्याप्त रूप से सेवन करना चाहिए जिससे इन्हे कमजोरी का एहसास नहीं होता है और जी गबरने और चक्कर आने वाली समस्या से निपटारा दिलाता है।
  • यह कब्ज, सिर दर्द, वजन घटाने मे लाभकारी है।
  • यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
  • यह सेहत के साथ साथ हमारी त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।

चीकू खाने के फायदे तो आप जान चुके है अब बता दे की किसी भी प्रकार का फल हो या व्यंजन हो उनका सेवन नियमित रूप से करना चाहिए क्यूंकी किसी भी चीज का अधिकतम मात्रा मे सेवन करने से उस चीज का फायदे के साथ साथ नुकसान भी हो सकता है।

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