गाजर 🥕 खाने के फायदे जो आपके स्वास्थ्य के लिए है बहुत जरूरी ।

सर्दियों के मौसम मे गाजर खाने के फायदे बहुत है चुकी इसकी खेती करना एक अच्छी आमदनी करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है साथ ही यह स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक होता है और इसे हम फल अथवा सब्जी दोनों के रूप मे जानते है गाजर का वानस्पतिक नाम डाउकुस करोट (Daucus Carota) है। गाजर का सबसे अधिक महत्व भारत मे गाजर के हलवे के रूप मे प्रसिद्ध है और यह बहुत ही स्वादिष्ठ व्यंजन होता है तो आइए चलते है और जानते है गाजर के उत्पादन से लेके उसके उपयोग तक की जानकारियों के बारे विस्तार से विश्लेषण करते हुए।

Contents

गाजर का पौधा ( Plants of Carrot )

यह पौधा 1 से 2 फुट तक लंबा होता है और यह अनेक प्रकार के रंगों मे मिलता है और गाजर पौधे की मूल (जड़) होता है खासकर किसकी खेती इसकी जड़ों और पत्तियों के लिए की जाती है।

  • गाजर की पत्तिया- यह सामान्य रूप से परिपटी, समदृष्टि और हरी होती है इनकी लंबाई आमतोर पर 15 से 30 सेंटीमीटर की होती है यह पत्तिया गाजर के ऊपरी भाग से निकलती है ध्यान दे इनका रंग और विशेषता पौधे की प्रजाति के आधार पे अलग अलग हो सकती है।
  • बीज गाजर के – यह गोलाकार अक्षर के समान होते है गाजर के बीज जब पौधा पूरी तरह से विकसित होजाता है ओर फूल सुख जाते है तो फूल के जगह पर बीज पैदा हो जाते है इनका रंग कला होता है और इनका उपयोग नए गाजर के पौधों को उगाने के लिए भी किया जाता है इसके अलावा गाजर के बीज के अन्य फायदे भी है जिनके बारे मे हम आगे चर्चा करेंगे।
  • गाजर- यह एक सब्जी या फल या फिर इसे मूल के रूप मे भी स्वीकार कर सकते है यह अनेक प्रकार के रंगों की होती है यह स्वाद मे मीठी होती है और गाजर का आकार गोल 10 इंच तक लंबा होता है यह शीर्ष भाग पर चोड़ी और गोल होती है उसके बाद यह त्रिभुज के आकार मे पतली होती जाती है।  

गाजर की उत्पति कैसे हुई

Carrot गाजर की मूल उत्पति ईरान से हुई है ।

और कुछ लोगों का मानना है इसकी उत्पति पंजाब और कश्मीर के जंगली क्षेत्रों मे हुई है ।

कुछ लोगों का मानना है की यह पर्सिया से आई है।

और धीरे धीरे इसे खाध्य प्रदार्थ के रूप मे उपयोग किया जाने लगा।

Farming Of Carrots (गाजर की खेती)

इसकी खेती किसान के लिए एक मुनाफेदार खेती साबित हो सकती है क्यूंकी गाजर एक लोकप्रिय सब्जी अथवा फल है जिसे लोग बड़ी चाह से इसका सेवन करते है क्यूंकी यह इंसानी शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होती है और इसकी बिक्री भी बहुत अधिकतम मात्रा मे होती है इसलिए आज हम जानेंगे की गाजर की खेती कैसे करते है कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओ के साथ।

1.    गाजर की खेती का सही समय क्या है

(Carrots) गाजर की खेती के लिए 10 डिग्री से 35 डिग्री का तापमान सबसे अच्छा माना जाता है इसलिए इसका उपयुक्त समय सितंबर से ऑक्टोबर माह के बीच का होता है मतलब सर्दियों के मौसम के प्रारंभ मे इसकी खेती करने का समय अच्छा होता है।

2.  carrots  गाजर के लिए उपजाऊ मिट्टी

गाजर की खेती कभी भी पथरीली मिट्टी मे नहीं करना चाहिए क्यूंकी गाजर जमीन के अंदर से फैलती है इसलिए हमेशा मुलायम मिट्टी का होना आवश्यक है इसलिए अगर आप जिस जगह गाजर की खेती करने का सोच रहे हो तो ध्यान रखे की वह जमीन पथरीली न हो। इसके लिए हर प्रकार की मिट्टी उपजाऊ होती है खासकर दोमट मिट्टी और इसके लिए जमीन का PH मान 6 से 7 का होना चाहिए।

3.    गाजर के बीज बुवाई का तरीका

इस फसल से अधिक पैदावर लेने के लिए मिट्टी को थोड़ा अंदर से जोते ताकि वह अंदर से अच्छे से फैल सके और एक पौधे से दुसरे पौधे की दूरी लगभग 2 से 3 फुट तक रखे और समय समय पर इसकी सिंचाई करते रहे।

4.    गाजर कितने दिन मे तैयार होती है

गाजर की बीज बुवाई के बाद गाजर को पूरी तरह से परिपक्व होने मे अर्थात गाजर को तैयार होने 120 दिन का समय लगता है उसके बाद आप इसे बाजार मे बैच सकते है।

5.    गाजर की खेती के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

ध्यान दे गाजर की खेती करने से पहले आप किसी विशेषज्ञ या फिर जिस किसान ने पहले से गाजर की खेती सफलतापूर्वक की हो उससे परामर्श अवश्य करले क्यूंकी जानकारी के अभाव की वजह से कभी कभी हमे काफी बड़ा नुकसान जेलना पड सकता है ।

घर पर गाजर कैसे उगाए

घर पर गाजर उगाने के लिए सबसे पहले आप जितनी मात्रा मे गाजर चाहते है उस हिसाब से या तो कोई बर्तन का इश्तेमाल करे जैसे बाल्टी या गमले, या फिर आपके घर मे गार्डन जितनी जगह है तो आप वहाँ भी उग सकते है। उसके बाद आप उसमे गोबर खाद और  के साथ उपजाऊ मिट्टी को अच्छे से मिलाकर उस मिश्रण को गमले भर दे उसके बाद आप जिस फरार की गाजर चाहते है उनके बीजों को खरीद ले पास मे कोई नर्सरी है तो अन्यथा आप इन बीजों online भी खरीद सकते है फिर उन् बीजों को मिट्टी मे लाइन बनाकर एक इंच गहरे मे बीजों को रोप दे फिर पूरी तरह से मिट्टी को उन पर ढक दे।

अब इसे पानी देके मिट्टी को पूरी तरह से गीली करे ताकि बीज से पौधा उगने की प्रक्रिया शुरू हो सके, इसके लिए हमे 10 दिन का समय लगता है उसके बाद आपको बीज उगते हुए दिखाई देंगे। अब आप इसका समय समय पर देखभाल करे उसके बाद आप 2 महीने के बाद गाजर को प्राप्त कर सकते है। तो देखिए कितना आसान है घर पर गाजर को उगाना।

गाजर की किस्म (Variety), प्रजाति

वेसे तो गाजर के 500 से भी अधिक प्रकार होते है और प्रजाति और किस्मों के आधार पर भी अनेक किस्म होती है लेकिन हमने कुछ किस्मों का उल्लेख व्याख्या सहित किया है।और किसी भी प्रकार किस्मों के गाजर खाने के फायदे बहोत है भारत मे पाई जाने वाली गाजर की उन्नत किस्म पूसा, हिसार, चैटनी, और नानटेस है, वैसे तो इनमे भी इनके अलग अलग प्रकार होते है जैसे- पूसा रुधिरा, पूसा मेघाली, पूसा केसर, पूसा यमदगिनी, और हिसार की हिसार मधुर, हिसार रसीली, हिसार गैरिक, इसके  अलावा कुछ विदेशी किस्मों के बारे मे जानेंगे ।

Variety Of Carrots

1.    Imperator Carrots: इसकी मूल (जड़ें) बहुत लंबी होती हैं, 10 इंच तक लंबी, ईनमें मिठास की मात्रा अधिक होती है, और ताज़ा खाने पर यह बहुत स्वादिष्ट लगती  हैं। ये सबसे आम प्रकार की गाजर हैं। वे पतले सिरे के साथ लंबी और सीधी होते हैं।

2.    Nantes Carrots: नैनटेस गाजर स्वाद में कुरकुरे, मीठे, और रंग में  नारंगी, तथा आकार में लंबी और पतली जड़ें बनाती है। यह लगभग 110-120 दिनों की अवधि वाली गाजर है। यह एक सामान्य ग्रीष्मकालीन गाजर है जो ताजा सेवन के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।नैनटेस गाजर छोटी होती हैं वे अक्सर इम्पीरेटर गाजर से अधिक मीठे होते हैं।

3.    Danvers Carrots: ये गाजर गहरे नारंगी रंग की होती हैं और अक्सर लगभग छह से आठ इंच लंबी होती हैं, हालांकि मुलायम और चट्टान रहित मिट्टी में ये लगभग 10″ तक लंबी हो सकती हैं।

4.    Chantenay Carrots: चैंटेने गाजर  एक पश्चिमी विरासत की  किस्म है, चैंटेने गाजर ठंडे मौसम की फसल है जो जल्दी पक जाती है और भारी मिट्टी में भी जीवित रह सकती है। यह नैनटेस या इम्पीरेटर गाजर की तुलना में आकार में  छोटी और मोटी होती हैं।

5.    Baby Carrots: बेबी गाजर कोई विशिष्ट प्रकार नहीं है, बल्कि छोटी, युवा गाजर के लिए एक शब्द है। जिसे परिपक्वता तक पहुंचने से पहले काटा जाता है और छोटे आकार में बेचा जाता है।

गाजर के रंगों के आधार पर प्रजातिया

6.    Purple Carrots: ये गाजर बाहर से बैंगनी और अंदर से नारंगी रंग की होती हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। बैंगनी गाजर में नारंगी गाजर के सभी पोषक तत्व होते हैं। गाजर में मौजूद बैंगनी रंगद्रव्य में नारंगी गाजर की तुलना में अधिक एंथोसायनिन एंटीऑक्सिडेंट होते हैं।

7.    White Carrots: इसे सफेद गाजर के नाम से जाना जाता है इसका गूदा हल्का  क्रीम रंग का होता है। नारंगी गाजर के मुकाबले  में थोड़े अधिक मीठे होते हैं।

8.    Red Carrots : इसका गूदा लाल-नारंगी रंग का होता है और यह अपने अनोखे रंग और मीठे स्वाद के लिए जाना जाता है।लाल रंग की गाजर की उत्पत्ति 1700 के दशक में भारत, चीन और जापान में हुई थी।

9.    Black Carrots: इन गाजरों का रंग गहरा बैंगनी से काला होता है। इनका उपयोग व्यंजनों में सजावट के तौर पे किया जाता है जिस वजह से वह भोजन सुंदर दिखाई दे यह तुर्की और मध्य पूर्व और एशिया के अन्य क्षेत्रों से उत्पन्न होती है।

गाजर का सबसे ज्यादा उत्पादन कहाँ होता है ?

कई देशों मे गाजर की खेती की जाती है लेकिन उन्मे से कुछ मुख्य गाजर उत्पादन करने वाले देश अमेरिका, भारत, चीन, अफगानिस्तान, ईरान, उज्बेकिस्तान, रूस, युकरैन, और इंग्लैंड है। अमेरिका के केलीफॉर्निया, टेक्सास, वाशिंगटन, मिशिगन, फ्लोरिडा, कोलोराडो, विस्कॉन्सिन राज्य शामिल है। भारत मे गाजर का उत्पादन हर राज्य मे होता है भारत के मुख्य गाजर उत्पादन राज्य हरियाणा, आंध्रप्रदेश, पंजाब, असम, कर्नाटक, तमिलनाडु, और बिहार है। चीन मे गुईझौउ, सईछुआन, हेनान, अनहुई, शेडोंग राज्यों मे गाजर की खेती जोरों शोरों से होती है।

गाजर मे पाए जाने वाले पोषक तत्व

•     विटामिन C और B6

•     आइरन

•     मनेसिउम

•     कैल्सीअम

•     प्रोटीन

•     शुगर

•     फाइबर

•     कार्बोहाइड्रट

•     पॉटेशियम

•     सोडीअम

•     कलोरिस

गाजर का हलवा

भारत मे गाजर के हलवे का बहुत महत्व है यह एक स्वादिष्ट व्यंजन है जिसको शादिया और त्योहारों मे बनाया जाता है और यह स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक होता है, यह गाजर से बंता है और गाजर का हलवा बहुत प्रसिद्ध होता है। क्यूंकी पूरे भारत मे इस डिश को बनाते है और लोग बड़े चाव से इसका सेवन भी करते है और जो लोग बीमार होते है उन्हे भी डॉक्टर गाजर के हलवे का सेवन करने के लिए परामर्श करते है।

गाजर का हलवा बनाने की विधि

गाजर का हलवा बनाने के लिए आवश्यक सामग्री जितना लोगों के लिए बनाने ही उस हिसाब से गाजर लेले, स्वादानुसार चीनी, घी, इसके अलावा आप कुछ एडिसनल छीजी जोड़ सकते है जैसे काजू बादाम, किसमिस जैसे।सबसे पहले आप एक बर्तन ले जिसमे आप हलवा बनाना चाहते है और उसको थोड़ा गेस जलाकर गरम करले जेसे बर्तन गरम हो जाता है उसके बाद हम गेस की फ्लैम को थोड़ा कम कर देंगे उसके बाद उसमे हम घी डालेंगे और जब घी गरम हो जाए उसके बाद उसमे हम चोपि किया हुआ गाजर डालेंगे और और 20 से 25 मिनट तक उसे माध्यम फ्लैम पर गाजर को भुनाने देंगे।

उसके बाद उसमे दूध डालके मिक्स करदेंगे और 20 मिनट तक आप इसे ढक के रख दे और बीच बीच मे इसको हिलाते रहे उसके बाद आप उसमे चीनी दल दे और जो भी एडिसनल चीज आप उसमे डालना चाहते ही वह भी डाल दे उसके बाद आप उसे 10 से 15 मिनट तक हिलाते रहे तब तक वह गल के बिल्कुल आधा हो जाएगा। तो देखिए इतना आसान है गाजर का हलवा बनाना लेकिन ध्यान रहे की गाजर के हलवा बनाने की बहुत तरीके है तो हमने आपको एक साधरण तरीका बताया है और कितनी क्वान्टिटी मे बनाना है वो आपको देखना है।

गाजर का ज्यूस

सबसे पहले आप आवश्यकतानुसार गाजर लेले और उसे अच्छे से धो के साफ करले फिर उसे आप अच्छे से छील दे जो ऊपर का छिलका होता है उसे हटा ले उसके बाद उसे छोटा छोटे टुकड़ों मे काट ले और उसे ग्राइन्ड वाले बर्तन मे लेले और उसमे थोड़ा सा पानी और थोड़ा स उसमे अलग स्वाद देने के लिए नींबू का इस्तेमाल करले और अच्छे से इसे पीस दे।

जब यह अच्छे तरीके पीस लिया जाए ती उस मिश्रण को आप एक छलनी मे डालके उसे दबा के एक गिलास उस रस को एकत्र करले और स्वाद के हिसाब से उसमे आप अन्य फलों का इस्तेमाल भी कर सकते है लो टेयर होगया आपका ताजा गाजर का ज्यूस। आजकल इस नए जमाने मे जो स्वास्थ को लेके चलने वाले लोग मतलब फिटनस कॉनसेस लोग है उन्हे गाजर का ज्यूस का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए क्यूंकी यह बहुत फायदेमंद होता है और यह आपके सरीर को स्वास्थ रखने मे बहुत मदद करता है।

गाजर खाने के फायदे

गाजर एक एसा फल है या सब्जी कह लीजिए जो शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है इसका इस्तेमाल लोग देश विदेश मे सलाद के रूप मे भी करते है। उसका रस बनके भी इसका सेवन करते है और कुछ देशों मे इसकी सब्जीया भी बनाई जाती है और कुछ देशों मे इसके अलग अलग प्रकार के व्यंजन भी बनाए जाते है। मतलब किसिस न किसी रूप से इसका सेवन करते है जिससे उनके स्वास्थ मे सुधार रहे आगे हम बात करेंगे की किन किन परिस्थिति गाजर खाने के फायदे है और किन किन बीमारियों और समस्याओ से हमे बचाता है।

1.    आँखों की रोशनी को तेज करने मे मदद करता है

गाजर मे ल्यूटिन और जेकसैथीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते है जो आँखों से संबंधित होने वाले रोगों मे उपचार का काम अकरती है इसलिए एक सप्ताह मे दो बार गाजर का सेवन जरूर करना चाहिए जिन्हे रतौंधी जेसी समस्या हो।

2.    वजन को कम करता है

अगर आप खाना ज्यादा पसंद करते है और उसके चलते आपका वजन बढ़त जा रहा है तो आप आपके रोज के खाने मे गाजर को शामिल कर लीजिए क्यूंकी गाजर कम कलोरिस होती है जिस वजह से आपकी भूख भी शांत हो जाएगी और उससे आप का वजन भी नहीं बढ़ेगा।

3.    त्वचा के लिए फायदेमंद

त्वचा को स्वस्थ रखने मे गाजर एक अच्छा उपाय हो सकता है क्यूंकी गाजर मे एंटीऑक्सीडेंट्स के अलावा केरोटिन नामक तत्व भी पाया जाता है जो आपके तवच पर होने वाले दाग और धब्बों को होने से बचाता है तो आप अगर अपनी त्वचा को लेके चिंतित है तो आप आज से गाजर खाना शुरू कर दे।

4.    ह्रदय रोगों से बचाव मे सहायक है गाजर खाने के फायदे

प्रचुर मात्रा मे गाजर का सेवन करने से यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रण करता है और वजन करने मे भी मददगार है इसलिए इसलिए यह खराब कोलेस्ट्रॉल को रोकता है जिस वजह से ह्रदय रोग होने की संभावना कम होती है।

5.    अस्थि रोग मे लाभदायक है गाजर खाने के फायदे

गाजर एक प्रकर्तिक, स्वस्थ और संतुलित आहार के रूप मे जाना जाता है इसमे उपयुकत मात्रा मे कैल्सीअम होता है।

आपको तो पता है कैल्सीअम का मुख्य काम हड्डियों को मजबूत बनाना है तो अगर आपको हड्डियों से संबंधित किसी भी प्रकार का विकार है तो आपको गाजर का सेवन जरूर करना चाहिए।

इसके अलावा यह अन्य प्रकार के छोटे और बड़े रोगों मे भी मदद करता है इसलिए आपको गाजर का किसी न किसी रूप अवश्य सेवन करना चाहिए चाहे आप उसका ज्यूस बाँके पिए या फिर आप उन्हे काटकर उनके टुकड़ों का सेवन करे या फिर उनकी सब्जी बनके खाए क्यूंकी खाने के फायदे बहुत है ।

•     मधुमेह रोग को नियंत्रित रखता है।

•     पाचन संबंधित समस्याओ से दूर रखता है।

•     रोग प्रतिरोधक क्षमता बादहमे मे मदद करता है।

•     कैंसर जेसे रोग के बचाव मे भी इसका बहुत योगदान है।

•     गर्भवस्था मे भी यह दर्द निवारक है।

गाजर के उपयोग

गाजर के फायदे के साथ जानेंगे की गाजर को और किन किन चीजों के लिए उयोग मे लिया जाता है।

•     गाजर का रस बनाया जाता है।

•     गाजर का हलवा बनाया जाता है।

•     गाजर की सब्जीया भी बनाई जाती है।

•     इसको सलाद के रूप मे उपयोग किया जाता है।

•     इसका पाराटा बनाया जाता है।

•     गाजर का सूप बनाने मे भी इस्तेमाल किया जाता है।

देश विदेशों मे अपने अपने सांस्कृतिक रूप से विभिन प्रकार के व्यंजन बनाने मे इसका उपयोग किया जाता है।

गाजर सब्जी है या फल ?

वर्तमान मे विश्वभर मे गाजर को विभिन प्रकार से उपयोग मे लिया जाता है हम लोग इसे फल के आधार पर भी जानते है लेकिन यह वास्तव मे यह एक रूट वेजीटेबल है मतलब यह गाजर के पौधे के जड़ों द्वारा प्राप्त की गई सब्जी है।

आपके लिए कुछ पोस्ट है जो आपको पसंद आएगी

देवदार पेड़ के फायदे एवं उपयोग “सोंदर्यता से भरे इसके जंगल”

जैतून के तेल के गुणकारी फायदे एवं उपयोग , स्वास्थ्य के लिए गोल्डन एलिक्सिर

वनस्पति जीवन मे बबूल के फायदे , पौधे की जानकारी और उपयोग

Leave a Comment