क्या गमले में अमरूद लगा सकते हैं?

अमरूद को हम देशी भाषा जामफल और अंग्रेजी मे ग्वावा भी कहते है, अमरूद बहुत ही स्वादिष्ठ फल होता है और इसकी खेती भी बहुत बेमिसाल तरीके से की जाती है और यह बहुत ही मुनाफा देने वाली फल है और इसे लोग बहुत ज्यादा पसंद करते है ओर बहुत ही चाव से खाते है। और अमरूद के गुणकारी उपयोग और क्या क्या फायदे है और क्या नुकसान है और इसकी खेती किस प्रकार की जाती है, ये सब हम जानेंगे तथ्यों के साथ।

  1. अमरूद का पेड़ कैसा होता है।
  2. इसकी खेती किस प्रकार की जाती है।
  3. सबसे अधिक मात्रा मे अमरूद कहा पाया जाता है
  4. इसमे पाए जाने वाले न्यूटरिसन
  5. अमरूद की किस्म अथवा प्रकार
  6. अमरूद खाने के फायदे

अमरूद का पेड़ कैसा होता है

यह पेड़ ज्यादा बड़ा नहीं होता है लेकिन सघन ओर छायादार होता है, इसका तना ज्यादा मोटा नहीं होता है और शाखा भी ज्यादा लंबी नहीं होती ओर पत्ते भारी मात्रा मे लगते है. और यह अंडाकार होती है इसके फल हरे रंग का होता है इसमे बीज पाया जाता है यह कचे होते है तब हरे रंग के ओर पकने के बाद अपनी किस्म के आधार पर अपना रंग बदलते रहते है।

इसकी खेती किस प्रकार किस प्रकार की जाती है

इसकी खेती उष्णकटिबंधीय क्षेत्र मे की जाती है और यह बहुत ही साधारण रूप से मिलने वाला फल है जो हर जगह हमे मिल जाता है इसे साधारण इसलिए काहा गया है क्यूंकी यह आम, केला, नींबू  के बाद सबसे ज्यादा इसकी खेती होती है, यह हर तरह की मिट्टी मे अनुकूल होता है लेकिन यहा बात खेती की हो रही है तो चिकनी मिट्टी इसकी अधिक पैदावार मे बहुत अछि रहती है और जमीन का PH मान 6 से 7.5 तक का होना चाहिए।

फरवरी से मार्च ओर अगस्त से सितंबर मे इसके पेड़ों का बीजरोपण करना चाहिए एक पेड़ से दूसरे पेड़ की दूरी कम से कम 15 से 20 फुट तक की होनी चाहिए जब पेड़ बड़ा होजाता है तो इन पर फल लगने की प्रक्रिया 2 से 3 साल बाद शुरू हो जाती है जब फल हल्के पीले दिखने लग जाते है तो फल पक जाते है उसके बाद उनकी तुड़ाई कर सकते है और खाने मे भी स्वादिष्ठ हो जाता है। अमरूद के पेड़ का जीवनकाल लगभग 30 वर्ष का होता है और यह 25 वर्ष तक फल देता है उसके अलावा यह फल एक साल मे 2 से 3 बार फल देता है जिसके वजह से यह पेड़ बहुत ही लाभदायक होता है व्यापारिक रूप से इसकी खेती करके हम अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते है।

सबसे अधिक मात्रा मे अमरूद कहा पाया जाता है

भारत दुनिया का सबसे बड़ा अमरूद उत्पादक देश है यहा सबसे ज्यादा मात्रा मे अमरूद की खेती की जाती है और भारत मे सबसे बडा उत्पादक राज्य उत्तरप्रदेश है. इसके अलावा अन्य राज्यों मे भी इन्हे उगाया जाता है राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश दक्षिण भारत के कुछ राज्यों मे भी बहुत उत्पादन होता है और यह अमेरिका मे भी विशेष रुप से खेती मे आगे है और वहा के लोगों को भी सबसे प्रिय लगता है।एसे देखा जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों मे लोगों के घरों पर भी इसे घर पर खाने के लिए लगाते है विदेश की बात करे तो चीन, अफ्रीका, अमेरिका, भी मुख्य रूप से शामिल है।

अमरूद मे पाए जाने वाले न्यूटरिसन

इसमे पॉटेशियम, कार्बोहाइड्रट, फाइबर और शुगर होता है, विटामिन C, विटामिन B6 और थोड़ी मात्रा मे कैल्सीअम, मेग्नेसिउम, और आइरन पाया जाता है जो की स्वास्थ के लिए बहुत लाभदायक होते है एवं अमरूद के गुणकारी उपयोग होते है।

अमरूद की किस्म अथवा प्रकार

अमरूद की कई प्रकार की किसमे पी जाती है जिसकी अलग अलग प्रकार की विशेषता होती ही चाहे उसके फलों का आकार छोटा या बड़ा हो सकता है या फिर स्वाद मे बदलाव भी हो सकता है इसके अलावा या तो पेड़ों मे भी फरक हो सकता है इसलिए इन्हे किस्मों के आधार पर विभिन नामों से विभाजित किया गया है।

चलिए अब हम कुछ किस्मों के नाम ओर उनकी कुछ कुछ विशेषता की भी बात करेंगे।

Pineapple Guava – इसे फीजोआ सेलोवियाना भी जाना जाता है यह दक्षिण भारत का मूल निवासी है, ओर जैसा की नाम से ही पता चलता है की इसमे अनांनास की विशेषता होती है।

Common Guava – यह एक साधारण अमरूद होता है जो भारत मे आमतोर पर पाया जाता है।  

Lemon Guava – यह पीले रंग का और आकार मे 1 इंच जीतने होते है और यह केलीफॉर्निया मे आमतोर पर पाया जाता है।  

Banganapalle – यह भारत मे पाई जानी वाली किस्मों मे से एक है।

यह तो कुछ विदेशी किस्म ही इसके अलावा अब हम भारत मे पाई जानी किस्म अन्य है जैसे इलाहाबाद सफेदा, सरदार अमरूद, ललित, श्वेता, हिसार सफेदा, हिसार सुरखा, ताइवान सफेदा, चितिदार अमरूद शामिल है।

अमरूद खाने के फायदे

  • इसमे फाइबर होता है जो वजन को बढ़ने नहीं देता है।
  • यह रक्त मे शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है।
  • ह्रदय रोगों मे भी बहुत कारगर है।
  • रोज अमरूद के सेवन से आँखों की रोशनी तेज होती है।
  • कुछ अध्ययनों के अनुसार अमरूद के पत्तों का अर्क का सेवन करने से औरतों के मासिक धर्म मे होने वाले दर्द को कम करता है।
  • इनके पत्तों का इशतेमाल चाय मे करके उसका सेवन करने से दस्त लग्न बंद हो सकता है।

और भी बहुत रूप से अमरूद का उपयोग किया जाता है जेसे इसका रस बनाया जाता है, और विशेष प्रकार के खाने के व्यंजन बनाने मे भी करते है इसका प्रकर्तिक रूप से सेवन करने पर यह स्वास्थ के लिए अमरूद के गुणकारी उपयोग होते है और बहुत फायदेमंद होता है।  

क्या गमले में अमरूद लगा सकते हैं?

जी हाँ बिल्कुल आप अमरूद के पेड़ को गमले मे लगा सकते है ।

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