नहीं होंगे बीमार अगर खाएंगे अनार, जाने स्वास्थ पर कितना असरदार है।

फलों मे अगर हम बात कर रहे है तो अनार बहुत ही श्रेष्ठ फल है और इसे हर मौसम मे खाया जाता है  इसका हमारे दैनिक जीवन मे बहुत ही महत्व है, यह फल हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होता है अनार को Pomegranate भी कहा जाता है और अनार की खेती से कितना मुनाफा कमाया जाता है, इसलिए आज हम जानेंगे इसके कुछ मुख्य तथ्यों के बारे जो की कुछ इस प्रकार होगा।

  1. अनार के पेड़, पत्तियों फूलों एवं फलों के आकार एवं विशेषता
  2. अनार की खेती
  3. अनार सबसे अधिक मात्रा मे कहा पाया जाता है
  4. इसमे पाए जाने वाले न्यूटरिसन
  5. अनार की किस्म एवं प्रकार
  6. अनार खाने के फायदे

अनार के पेड़, पत्तियों फूलों एवं फलों के आकार एवं विशेषता

यह पेड़ मध्यम आकार का होता है इसकी ऊंचाई साधारणतः 15 से 20 फुट तक होती है बहुत छायादार वृक्ष होता है जो गर्मी मे बहुत ही आरामदायक होता है। अनार के पेड़ की पत्तिया हरे रंग की ओर चमकदार होती है और ये पेड़ की सुंदरता को प्रभावित करती है। अनार के फूल नारंगी एवं लाल रंग के होते है जो बहुत खुशबूदार एवं महकदार होता है।

अनार के खेती

यह एक उपोषण जलवायु वाला पौधा है इसके लिए गरम एवं शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है और इसकी खेती लगभग हर किस्म की मिट्टी मे की जा सकती ही जैसे लाल मिट्टी, काली मिट्टी, दोमट मिट्टी, एवं चिकनी मिट्टी बहुत उपजाऊ होती है अनार को बीजों द्वारा, पौधरोपन एवं कलम करके भी लगाया जा सकता है एक बार पौधरोपन के बाद यह 25 वर्ष तक फल देता है वैसे तो यह 2 वर्ष के बाद फल देने लगता है लेकिन इस को पौधे से पेड़ बनने मे और पूरी तरह से विकसित होने मे 5 वर्ष का समय लगता है।

पौधों को लगाने का सही समय अगस्त से सितंबर और फरवरी से मार्च के बीच का समय एवं वातावरण बहुत अनुकूल माना जाता है और इनका पौधारोपण के दौरान एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच की दूरी कम से कम 5 से 6 मीटर की होनी चाहिए एवं एक महीने पहले इसे खाद लगाकर जमीन को उपजाऊ कर देना चाहिए जिससे इसकी पैदावर मे वृद्धि होती है फूल आने के बाद फलों को बड़ा होने मे और पकने मे 6 माह का समय लगता है ।

अनार के पौधे के लिए उचित तापमान कम से कम 10 से 20 डिग्री एवं अधिकतम 40 डिग्री तापमान अनुकूल रहता है और पौधे की टहनीया को कटिंग करना चहए जिससे पौधे की लंबाई नहीं बढ़ती है बल्कि पौधा चोड़ाई मे बढ़ती है जिससे इसकी पैदावर मे वृद्धि देखने को मिलती है एवं जब पौधे पे फल बड़े होने लगते है तब इनपर विशेष प्रकार के कवर से ढक के रखना चाहिए जिससे फल की कवालिटी अछि रहती है और उनपर दाग धब्बे नहीं लगते और फल एकदम साफ सुथरा राहत है जिस वजह से उसकी कीमत मे इजाफा रहता है।

अनार सबसे अधिक मात्रा मे कहा पाया जाता है

सबसे अधिक अनार की खेती अथवा उत्पादन के मामले मे ईरान, अमेरिका, चीन, भारत एवं इजराइल है लेकिन भारत मे इसकी खेती सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, राजस्थान, एवं उत्तरप्रदेश है इसके अलावा गुजरात असम, हरियाणा, आन्द्राप्रदेश, कर्नाटक एवं अन्य राज्य संमेलित है।

अनार मे पाए जाने वाले न्यूटरिसन

  • प्रोटीन
  • फैट
  • कार्बोहाइड्रट
  • फाइबर
  • विटामिन C
  • फोलेट
  • मगनेसिउम
  • फॉसफोरस
  • पॉटेशियम

अनार की किस्म एवं प्रकार

भारत मे पाई जाने वाली कुछ अनार की किस्म जैसे गणेश, मसकिट, जलोढ़, ज्योति, रूबी, मृदुला, भगवा, कंधारी है।

अनार खाने के फायदे

अनार बहुत ही पौष्टिक एवं गुणकारी फल होता है जो की हमारे स्वास्थ के लिए बहुत ही लाभदायक होता है इसमे औषधीय गुण पाए जाते है जो शरीर को कई बीमारियों से बचाने मे सक्षम होता है इसका निरंतर सेवन करने से हमे बहुत फायदा होता ही उसमे से कुछ निम्नलिखित है जैसे

  • अनार के सेवन से पाचन शक्ति को मजबूत बनाया जा सकता है।
  • दिल(हार्ट) को भी सुरक्षित रखने मे मदद करता है।
  • इससे आँखों की रोशनी तेज होती है
  • अनार मे पाए जाने वाले पोषक तत्व महिलाओ के लिए बहुत गुणकारी होती है
  • इसमे आइरन होता है जिसकी वजह से गर्भवती महिला को इसका सेवन करने से उन्हे बहुत फायदा होता है
  • अनार से शरीर सुंदर एवं मजबूत होता है और यह त्वचा को कोमल बनाए रखता है।
  • यह रक्त चाप को नियंत्रण रखने मे मददगार है
  • अनार के नियमित रूप से सेवन करने पर यह आपके जोड़ों के दर्द को दूर करने मे मदद करता है
  • यह मस्तिष्क संबंधित विकारों को मतलब दिमाग मे होने वाली समस्या को दूर रखता है

अपितु अनार केवल छोटी छोटी बीमारी तो दूर करता ही है इसके अलावा यह गंभीर रोग जैसे कैंसर मे भी यह कैंसर की कोशिका को खतम करने मे भी इसका लाभ है।  

आपके लिए कुछ पोस्ट है जो आपको पसंद आएगी

इमली का खट्टा मिट्ठा स्वाद: दुनिया का सबसे चटपटा अनुभव।

Leave a Comment